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( ६८ ) समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि धन धन जोगी सोम जी, धन धन तुम्ह अवतार । सेत्रुञ्ज संघ करावियउ, पुण्य भरचउ भण्डार । ६ । चा०। संवत सोल चिमालमइ, मास सु चैत्र मझार । श्री जिनचंद्र सूरीसरू, जात्र करी सपरिवार ।१०। चा०। श्री सेत्रुञ्ज गुण गावतां, हियडइ हरख अपार । समयसुन्दर सेवक भणइ, रिषभ जिणंद सुखकार ।११। चा०
इति श्री सेत्तु ञ्ज तीरथ भास ॥२॥
शत्रुजय आदिनाथ भास मुझ मन उलट अति घणउ मन मोबउ रे,...
सेञ्ज भेटण काज लाल मन मोबउ रे । चैत्री पूनम दिन चढू मन मोह्यउ रे,
पालीताणा पाजि लाल मन मोबउ रे॥१॥ संघ करइ वधामणा मन मोबउ रे,
तीरथ नयण निहालि लाल मन मोह्यउ रे । सेत्त ज नदीय सोहामणी मन मोबउ रे, . .
ललित सरोवर पालि लाल मन मोह्यउ रे ॥२॥ केसर भरिय कचोलड़ी मन मोहउ रे,
पूज्या प्रथम जिणंद लाल मन मोघउ रे ।
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