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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि ( ४१ ) समरूं स्वामी सुजात, देवसेना जसु मात । देवसेन अंगजु ए, रवि चिन्ह पदकजु ए॥६॥ श्री स्वयंप्रभ स्वामि, मात सुमंगला नाम । मित्रभूति कुलतिलो ए, चन्द्र लंछन भलो ए॥७॥ ऋषभानन जिणचंद, श्री वीरसेना नंद । कीर्तिराय कुयरू ए, सिंह अंक सुदरु ए॥८॥
॥ ढाल ।
अनंतवीर्य अरिहंतु ए, मंगलावती सुत गुणवंतु ए। मेघराया घर अवतर्या ए, चंद लंछन गुणरयणे भरथाए । श्री सूरप्रभ वंदिये ए, विजया माता चिर नंदिये ए। विजयराज तसु तातु ए, ससिहर लंछन अवदातु ए ॥१०॥ श्री विमल' सुप्रशंसु ए, भद्रा माता उर हंसु ए। जासु पिता श्रीनागु ए, सुरिज लंछन सोभागु ए॥११॥ श्रीवज्रधर जगजाणिये ए,श्रीसरस्वती मात वखाणिये ए। जनक पद्मरथ जासु ए, संख२ लांछन जासु प्रकाशु ए ॥१२॥
|| ढाल ॥
चन्द्रानन जिनवर, त्रिभुवन जन आधार । माता पद्मावती, राणी उर अवतार ।। वाल्मीक पिता जसु, लांछन वृषभ उदार । १ विशाल २ अंकइ संख पूरइ आसु ए।
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