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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
वीस विहरमान जिन स्तवन [निजनाम १ मातृ २ पितृ ३ लांछन ४ सहितम् ] प्रणमिय शारद माय' समरिये सद्गुरु,
धर्म बुद्धि हियड़े धरी ए । विहरमान जिन वीस थुणिसुमन थिरै,
___माय ताय लंछण करी ए ॥१॥ श्री सीमंधर स्वामि सत्यकि नंदनो,
मन मोहन महिमा निलो ए । जास पिता श्रेयांस वृषभ लांछन वर,
श्री जिनवर त्रिभुवन तिलो ए ॥२॥ - श्री युगमंधर देव सेव करुनित,
मात सुतारा नंदनो ए । सुदृढ़ पिता सुखकार गज लांछनवर,
वचन सुधारस चंदनो ए ॥३॥ बाहु नाम जिनराज विजया अंगज,
सुग्रीव वंश निसाकरु ए । अंके हरिण उदार रूप मनोहर,
वंछित पूरण सुरतरु ए ॥४॥
॥ ढाल ॥ श्री सुबाहु सुविख्यात, भु(व)नंदा अंग जात ।
तात निसढ वरु ए, कपि अंके धरु ए ॥५॥ १ पाय
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