________________
समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
( ३७ )
१६ नेमि जिन गीतम्
राग-उड़ी विहरमान सोलमउ तुनेमि नाम । दक्षिण विदेह नलिनावती विजए, पुंडरीकिणी पुरीठाम।१ वि० वीरराज सेना कउ नंदन, इन्द्र नमै सिर नामि । सुरतरु चिन्तामणि सरिखउ तूं,पूरवई वंछित काम ।२ वि० केवल ज्ञान अनंत गुणे करी, अरिहंत तूं अभिराम । समयसुन्दर कहइ तिण करू तोरा, रात दिवस गुण ग्राम ३ वि०।
१७ वीरसेन जिन गीतम्
राग-सबीब वीरसेन जिन नी सेवा कीजई,
पवित्र वचन अमृत रस पीजइ ।। वीर। पुखरारध माहे दुरि कहीजइ,
तउ पणि अरिहंत ध्यान धरीजइ ।२। वीर। जनम जीवित नउ लाहउ लीजइ,
समयसुन्दर नइ दरसण दीजइ ।३। वीर। १८ महाभद्र जिन गीतम्
राग-केदारउ महाभद्र अढारमउ अरिहंत । गज लांछन देवराज नंदन, सूरिज कान्ता कंत ।१॥ महा।
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org