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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
५. सुजात जिन गीतम्
___ राग-गुट सुजात तीथंकर ताहरी, हुयइ देव किण होडि रे। देव बीजे तउ दूषण घणां, तुमइ नहीं तिल खोडि रे ।।सु० पूरव लाख त्र्यांसी पछी, छती राज ऋद्धि छोड़ि रे । संयम मारग आदय उ, महा मोह दल मोड़ि रे ।।सु०॥ तुझ वीतराग नइ समरतां, तूटह करम नी कोडि रे। समयसुन्दर कहइ ते भणी, तूंनइ नमूकर जोडि रे ।३। सु०।
६. स्वयंप्रभ जिन गीतम्
राग-प्रभाती सयंप्रभ तीथंकर सुन्दरु ए, मित्रभूतिरायांचा कुंअरुए।१ स०। सुमंगला राणी माता उरि धरू ए, वीरसेना राणी कंत सुखकरु ए। चंद लांछन देव दया परू ए, समयसुदर चा परमेसरूए।३ स०। ७. ऋषभानन जिन गीतम
राग--श्रीराग (ढाल :-ऐउ २ चंद्रानन जिणचंद नमो, ए चदनी जाति।। ऐउ २ रिषभानन अरिहंत नमो, भय भंजण श्री भगवंत नमो।१। धातकीखंड जिणिंद नमो, केवलज्ञान दिणिंद नमो।२रि। सिंह लांछन अभिराम नमो, समयसुन्दर चा सामि नमो।३रि०
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