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हत्थिस्स बिले ति कारणासावुडे पविट्ठो । बितिम्रो वि पविट्ठो। ते सिरकबाले जुद्ध लग्गव ।
इत्थी विउलीभूतो महतीए असमाहीए वेयणट्ठो य ते वरणसंडं चूरियं । बहवे तत्त्थ वासिणो सत्ता घातिता। जलं च प्राडोहंतेण जलचरा घातिता । तलागणाली भेदिता । तलागं विट्ठ । जलचरा सव्वे विट्ठा ।*
अभ्यास
1. शब्दार्थ :
मंडिय = सुशोभित सरहा = गिरगिट वितिमो= दूसरप
सत्त = प्राणी महल्लं = बेड़ा
= लड़ना उवेक्ख - उपेक्षा करना खासावुड = नथुना तलाम = तालाब
2. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
सही उत्तर का कमांक कोष्ठक में लिखिए : 1. सभी प्राणी सुखपूर्वक ठहरे थे(क) पेड़ पर (ग) वृक्षकुज में
(घ) सड़क पर
(ख) तालाब में
निशीविशेषचूरिण (सं.--उपाध्याय अमरमुनि), आगरा, 1960, प्राकृत साहित्य का इतिहास (डा. जगदीशचन्द्र जैन ) पृ. 241 से उद्धत ।
मत गद्य-सोपान
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