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6. उदाहरण वाक्य [द्वितीया विभक्ति]
मोहणो विज्जालयं गच्छइ सो पण्हं पुच्छइ अहं पोत्थमं पढामि गामं अहियो जलं अत्थि दुज्जणं धिम विज्ज बिरणा रणार नत्थि अहं गामं गच्छामि सो निवं नमइ पुत्तो जणग्रं पहं पुच्छइ
मोहन विद्यालय को जाता है। वह प्रश्न को पूछता है। मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ। गांब के दोनों ओर जल है। दुर्जन को धिक्कार है। विद्या के बिना ज्ञान नहीं है। मैं गांव को जाता हूँ। वह नृप को नमन करता है। पुत्र पिता से रास्ता पूछता है ।
अभ्यास (क) प्राकृत में अनुवाद करो :
___मैं घर जाता हूँ। वह पिता को नमस्कार करता है। बालक सत्य कहता है । गुरु प्रश्न पुछता है। नगर के दोनों ओर जल है। राम के बिना सुख नहीं है। वह पुस्तक 'चुराता है । सोहन गाय को दुहता है। राम पुस्तक को मांगता है । जिनसेन कथा को कहता है।
(ख) नियम याद करें एवं उदाहरण शिक्षक से समझे :
1- कर्ता के अभीष्ट कार्य में द्वितीया विभक्ति होती है । 2- गमन (चलना, जाना आदि) के अर्थ वाली क्रियाओं के साथ द्वितीया
विभक्ति होती है। 3- द्विकर्मक क्रियाओं के साथ गौरण कर्म में द्वितीया विभक्ति होती है । 4- अहिओ, परिओ, सवओ, पइ, धिअ, बिणा आदि शब्दों के साथ वाले
शब्द में द्वितीया होती है।
प्राकृत गद्य-सोपान
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