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________________ ३५१ आत्मा के द्वारा अभेद प्रतिपत्ति अशक्य ३१९ अद्वैतसाधक अनुमान की समीक्षा प्रत्यभिज्ञा से अभेदग्रहण असम्भव ३२० सांख्यमतप्रतिक्षेपकः पर्यापास्तिकनयः ३४४ स्मृति के द्वारा पूर्वरूपता का ग्रहण असम्भव ३२१ सांख्यदर्शनसमीक्षाप्रारम्भ ३४५ पूर्वरूपता और वर्तमानता का ऐक्यानुभव व्यक्त-अव्यक्त का वैलक्षण्यनिरूपण निराधार ३४६ असिद्ध ३२२ असत्कार्पवादनिषेधपूर्वकपरिणामवाद की आशंका ३४७ दूसरीबार के दर्शन से अभेदसिद्धि अशक्य ३२४ परिणामवादसमीक्षा ३४८ वर्तमान अर्थ का भान स्मृति में निषिद्ध । ३२५ सत् पा असत् से सम्बन्ध अघटित ३४९ स्वदर्शनविषय में परकालीन अन्यदर्शन का असत् कार्यवाद के विरोध में समान कारिका ३५० असम्भव ३२५ सत्त्वहेतुक अजन्यत्वसाधक अनुमान ३५१ सदृशष्यवहार से अभेदानुमिति अशक्य ३२६ विपक्षव्यावृत्तिशंकानिवारण निरंतरदर्शनस्थल में भेद कैसे ? प्रश्नोत्तर ३२७ हेतुओं में असिद्धि उद्भावन का निष्फल दर्शनभेद से अर्थभेद की सिद्धि ३२८ प्रयास ३५२ प्रत्यभिज्ञा के विषयों में भेदसिद्धि ३२९ साध्यत्व न होने पर उपादानग्रहणादि निष्फल ३५३ काल विना भी पूर्वापरभाव-क्रम का उपपादन ३२९ संशयनिवृत्ति की और निश्चयोत्पत्ति की अनेकक्षणस्थिति का एक-साथ प्रतिभास अनुपपत्ति ३५४ अशक्य ३३० सत्कार्यवाद में वदतो व्याघात ३५५ दशर्न में कालान्तरस्थायित्व का निरसन ३३१ अभिव्यक्ति स्वभावातिशयोत्पत्तिरूप नहीं ३५५ वर्तमान दर्शन में भाविरूप का अवबोध अभिव्यक्ति निश्चपविषयकज्ञानरूप नहीं हो अशक्य ३३१ सकती क्रमशः स्थापिता का उपलम्भ अशक्य ३३२ अभिव्यक्ति आवरणविनाशरूप नहीं ३५७ पूर्वरूपता फुरित होने पर तीन विकल्प ३३४ सत्कार्यवाद में बन्धमोक्षाभावादि प्रसंग ३५८ द्वितीय-तृतीय विकल्पों की समीक्षा ३३४ सत्कार्यवादनिषेध असत्कार्यवादसाधक ३५८ दर्शन और स्मृति का अभेदानुभव अयुक्त ३३५ असत्-अकरण की सिद्धि में हेतु साध्यद्रोही ३५९ ज्ञानाद्वैतवाद का प्रतिषेध ३३६ कार्य-कारणभेद पक्ष में विशिष्ट नियम संगत ३६० बाह्यार्थ और परसंवेदन में असत्यत्वशंका- __ अवधिशून्यत्व हेतु साध्यद्रोही ३६१ समाधान ३३७ उपादानग्रहण आदि हेतु साध्यद्रोही । ३६२ कालिक अभेद की सिद्धि में प्रमाणाभाव ३३८ उपादानग्रहणादिहेतुचतुष्क में विरोधापादन ३६४ स्मृति में अभेद का स्फुरण क्यों नहीं ? ३३८ उत्पत्ति के पूर्व कार्य सत्-असत् कुछ नहीं ३६४ वर्तमानसंवेदन को पूर्वापर के साथ संसर्ग शक्ति-व्यक्ति रूपों से कार्यसद्भाव अशक्य ३६५ नहीं ३४० भेदान्वपदर्शन हेतु में असिद्धि-उद्भावन ३६६ भेदवाद में प्रयुक्त आक्षेपों का प्रतिकार सुखादि में संवेदनरूपतासाधक हेतु की अविद्या की निवृत्ति का असम्भव ३४२ निर्दोषता ३६७ ब्रह्मरूप से सत्य उपाप कार्यसाधक नहीं ३४३ सांख्यमत की प्रतीति में मिष्टयात्वप्रसंग ३६८ ३५७ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003802
Book TitleSanmati Tark Prakaran Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaydevsuri
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year2010
Total Pages436
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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