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________________ निज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगट्ठयाए चउत्थे अंगे एगे सुयक्खंधे एगे अज्झयणे एगे उद्देसणकाले एगे समुद्देसणकाले एगे चोयाले पयसयसहस्से पयग्गेणं संखेज्जा अक्खरा अनंता गमा अनंता पज्जवा परित्ता तसा अनंता थावरा सासय-कड-निबद्ध-निकाइया जिनपन्नत्ता भावा आघविज्जंति जाव उवदंसिज्जंति से एवं आया एवं नाया एवं विण्णाया एवं चरण-करण-परूवणा आघविज्जइ० से त्तं समवाए । [१४३] से किं तं विवाहे ? विवाहे णं जीवा विआहिज्जंति अजीवा विआहिज्जंति जीवाजीवा विआहिज्जति ससमए विआहिज्जति परसमए विआहिज्जति ससमय-परसमए विआहिज्जति लोए विआहिज्जति अलोए विआहिज्जति लोयालोए विआहिज्जति, वियाहस्स णं परित्ता वायणा संखेज्जा अनुओगदारा संखेज्जा वेढा संखेज्जा सिलोगा संखेज्जाओ निज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ संखेज्जाओ पडिवत्तीओ से णं अंगठ्ठयाए पंचमे अंगे एगे सयक्खंधे एगे साइरेगे अज्झयणसए दस उद्देसगसहस्साई सत्तं-१४३ दस समुद्देसग सहस्साइं छत्तीसं वागरण सहस्साइं दो लक्खा अट्ठासीइं पयसहस्साई पयग्गेणं संखेज्जा अक्खरा अनंता गमा अनंता पज्जवा परित्तातसा अनंताथावरा सासय-कड-निबद्ध-निकाइया जिनपन्नत्ता भावा आघविज्जति पन्नविज्जंति परूविज्जंति दंसिज्जति निदंसिज्जंति उवदंसिज्जंति से एवं आया एवं नाया एवं विण्णाया एवं चरण-करण-परूवणा आघविज्जइ० से त्तं वियाहे | [१४४] से किं तं नायाधम्मकहाओ? नायाधम्मकहासु णं नायाणं नगराइं उज्जाणाई चेइयाइं वनसंडाइं समोसरणाई रायाणो अम्मापियरो धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइय-परलोइया इढिविसेसा भोगपरिच्चाया पव्वज्जाओ परिआया सुयपरिग्गहा तवोवहाणाइं संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाई पाओवग-मणाई देवलोगगमणाइं सुकुलपच्चायाईओ पुणबोहिलाभा अंतकिरियाओ य आघविज्जंति० दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थणं एगमेगाए धम्मकहाए पंचं पंच अक्खाइयासयाइं एगमेगाए अक्खाइयाए पंच पंच उवक्खाइयासयाइं एगमेगाए उवक्खाइयाए पंच पंच अक्खाइओवक्खाइयासयाई, एवमेव सपुव्वावरेणं अदधुढाओ कहानगकोडीओ हवंति त्ति समक्खायं, नायाधम्मकहाणं परित्ता वायणा संखेज्जा अनुओगदारा संखेज्जा वेढा संखेज्जा सिलोगा संखेज्जाओ निज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्ठयाए छठे अंगे दो सुयक्खंधा एगूणवीसं अज्झयणा एगूणवीसं उद्देसणकाला एगूणवीसं समुद्देसणकाला संखेज्जाइ पयसहस्साइं पयग्गेणं संखेज्जा अक्खरा० जिनपन्नत्ता भावा आघविज्जंति० से एवं आया० आघविज्जइ० से त्तं नायाधम्मकहाओ | [१४५] से किं तं उवासगदसाओ? उवासगदसासु णं समणोवासगाणं नगराइं उज्जाणाई चेइयाइं वनसंडाइं समोसरणाइं रायाणो अम्मापियरो धम्मायरिया धम्मकहाओ इहलोइयपरलोइया इढि विसेसा भोगपरिच्चाया परिआया सुयपरिग्गहा तवोवहाणाइं सीलव्वय-गुण-वेरमण-पच्चक्खाण-पोसहोववास पडिवज्जणया पडिमाओ उवसग्गा संलेहणाओ भत्तपच्चक्खाणाइं पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुकुलपच्चायाईओ पुण बोहिलाभा अंतकिरियाओ य आघविज्जंति० उवासगदसाणं परित्ता वायणा संखेज्जा अनुओगदारा संखेज्जा वेढा संखेज्जा सिलोगा संखेज्जाओ निज्जुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ संखेज्जाओ पडिवत्तीओ, से णं अंगठ्ठयाए सत्तमे अंगे एगे सुयक्खंधे दस अज्झयणा दस उद्देसणकाला दस समुद्देसणकाला संखेज्जाइं पयसहस्साइं पयग्गेणं संखेज्जा अक्खरा अनंता गमा अनंता पज्जवा परित्ता दीपरत्नसागर संशोधितः] [16] [४४-नंदीसूयं]
SR No.003787
Book TitleAgam 44 Nandisuyam Padhama Chuliya Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages26
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 44, & agam_nandisutra
File Size1 MB
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