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________________ [२५१] पंचविहे ववहारे पन्नत्ते तं जहा-आगमे सुए आणा धारणा जीए, जहा से तत्थ आगमे सिया आगमेणं ववहारं पट्ठवेज्जा, नो से तत्थ आगमे सिया जहा से तत्थ सुए सिया सुएणं ववहारं पट्ठवेज्जा, नो से तत्थ सुए सिया जहा से तत्थ आणा सिया आणाए ववहारं पट्ठवेज्जा, नो से तत्थ आणा सिया जहा से तत्थ धारणा सिया धारणाए ववहारं पट्ठवेज्जा, नो से तत्थ धारणा सिया जहा से तत्थ जीए सिया जीएणं ववहारं पट्ठवेज्जा; इच्चेतेहिं पंचहिं ववहारेहिं ववहारं पट्ठवेज्जा तं जहा-आगमेणं सुएणं आणाए धारणाए जीएणं जहा-जहा से आगमे सए आणा धारणा जीए तहा-तहा ववहारे पडवेज्जा, से किमाहं भंते ?, आगमबलिया समणा निग्गंथा, इच्चेयं पंचविहं ववहारं जया-जया जहिं-जहिं तया-तया तहिं-तहिं अनिस्सिओवस्सियं ववहारं ववहरेमाणे समणे निग्गंथे आणाए आराहए भवइ । [२५२] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-अट्ठकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो अट्ठकरे, एगे अट्ठकरे वि मानकरे वि, एगे नो अट्ठकरे नो मानकरे । [२५३] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-गणट्ठकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणढ़करे, एगे गणट्ठकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणट्ठकरे नो मानकरे | [२५४] चत्तारि परिसजाया पन्नत्ता तं जहा-गणसंगहकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणसंगहकरे, एगे गणसंगहकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणसंगहकरे नो मानकरे | [२५५] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-गणसोभकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणसोभकरे, एगे गणसोभकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणसोभकरे नो मानकरे । [२५६] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-गणसोहिकरे नाममेगे नो मानकरे, मानकरे नाममेगे नो गणसोहिकरे, एगे गणसोहिकरे वि मानकरे वि, एगे नो गणसोहिकरे नो मानकरे | [२५७] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-रूवं नाममेगे जहइ नो धम्म, धम्मं नाममेगे उद्देसो-१० जहइ नो रूवं, एगे रूवं पि जहइ धम्म पि जहइ, एगे नो रूवं जहइ नो धम्मं जहइ । [२५८] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-धम्म नाममेगे जहइ नो गणसंठिति, गणसंठितिं नाममेगे जहड़ नो धम्मं, एगे गणसंठितिं पि जहड़ धम्म पि जहड़, एगे नो गणसंठितिं जहड़ नो धम्म जहइ । ___[२५९] चत्तारि पुरिसजाया पन्नत्ता तं जहा-पियधम्मे नाममेगे नो दढधम्मे, दढधम्मे नाममेगे नो पियधम्मे, एगे पियधम्मे वि दढधम्मे वि, एगे नो पियधम्मे नो दढधम्मे | [२६०] चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा-पव्वावणायरिए नाममेगे नो उवट्ठावणायरिए, उवट्ठावणायरिए नाममेगे नो पव्वावणायरिए, एगे पव्वावणायरिए वि उवट्ठावणायरिए वि, एगे पव्वावणायरिए नो उवट्ठावणायरिए-धम्मायरिए । [२६१] चत्तारि आयरिया पन्नत्ता तं जहा- उद्देसणायरिए नाममेगे नो वायणायरिए, वायणायरिए नाममेगे नो उद्देसणायरिए, एगे उद्देसणायरिए, वि वायणायरिए वि, एगे नो उद्देसणयरिए नो वायणायरिए- धम्मायरिए । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [27] [३६-ववहारो] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003771
Book TitleAgam 36 Vavaharo Taiyam Cheyasuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages30
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 36, & agam_vyavahara
File Size2 MB
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