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________________ सतं-१९, वग्गो - ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-३ सिय भंते! जाव चत्तारि पंच आठक्काइया एगयओ साहारणसरीरं बंधंति, एग0 बं0 २ ततो पच्छा आहारेंति? एवं जो पुढविकाइयाणं गमो सो चेव भाणियव्वो जाव उव्वांति, नवरं ठिती सत्तवाससहस्साई उक्कोसेणं, सेसं तं चेव। सिय भंते! जाव चत्तारि पंच तेठक्काइया? एवं चेव, नवरं उववाओ ठिती उव्वाणा य जहा पन्नवणाए, सेसं तं चेव। वाउकाइयाणं एवं चेव, नाणत्तं--नवरं चत्तारि समुग्घाया। सिय भंते! जाव चत्तारि पंच वणस्सतिकाइया0 पुच्छा। गोयमा! णो इणठे समढे। अणंता वणस्सतिकाइया एगयओ साधारणसरीरं बंधंति, एग0 बं0 २ ततो पच्छा आहारेंति वा परिणामेति वा, आ0 प० २ सेसं जहा तेक्काइयाणं जाव उव्वांति। नवरं आहारो नियम छद्दिसि; ठिती जहन्नेणं अंतोमुहतं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं, सेसं तं चेव।। [७६२]एएसि णं भंते! पुढविकाइयाणं आउकाइयाणं तेउका0 वाउका0 वणस्सतिकाइयाणं सुहमाणं बादराणं पज्जत्तगाणं अपज्जतगाणं जाव जहन्नुक्कोसियाए ओगाहणाए कयरे कयरेहिंतो जाव विसेसाहिया वा? गोयमा! सव्वत्थोवा सुहमनिओयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा। सुहमवाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। सुहमतेउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। सुहमआउकाइयस्स अपज्जत्तस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। सुहम पुढविका0 अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। बादरवाउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। बादरतेउकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा बादरआ30 अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। बादरपुढविकाइयस्स अपज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइयस्स बादरनिओयस्स य, एएसि णं अपज्जत्तगाणं जहन्निया ओगाहणा दोण्ह वि तुल्ला असंखेज्जगुणा। सुहमनिगोयस्स पज्जतगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। तस्सेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया। तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया। सुहमवाउकाइयस्स पज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया। तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया0 विसेसाहिया। एवं सुहमतेउकाइयस्स वि। एवं सुहमआठकाइयस्स वि। एवं सुहमपुढविकाइयस्स वि। एवं बादरवाउकाइयस्स वि । एवं बायरतेउकाइयस्स वि। एवं बादरआउकाइयस्स वि। एवं बादरपुढविकाइयस्स वि। सव्वेसिं तिविहेणं गमेणं भाणितव्वं। बादरनिगोदस्स पज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया। तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा विसेसाहिया। पत्तेयसरीरबादरवणस्सतिकाइयस्स पज्जत्तगस्स जहन्निया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। तस्स चेव अपज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। तस्स चेव पज्जत्तगस्स उक्कोसिया ओगाहणा असंखेज्जगुणा। [७६३]एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स वणस्सति काइयस्स य कयरे काये सव्वसुमे?, कयरे काये सव्वसुमतराए? गोयमा! वणस्सतिकाए सव्वसुमे, वणस्सतिकाए सव्वसुमतराए। एयस्स णं भंते! पुढविकाइयस्स आउकाइयस्स तेउकाइयस्स वाउकाइयस्स य कयरे काये [दीपरत्नसागर संशोधितः] [383] [५-भगवई
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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