________________
सतं-१२, वग्गो - ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-४
अणंतगुणा, मणपोग्गलपरियट्गा अणंतगुणा, आणापाणुपोग्गलपरिया अणंतगुणा, ओरालियपोग्गल परियटा अणंतगुणा, तेयापोग्गलपरियट्या अणंतगुणा, कम्मगपोग्गलपरियट्या अणंतगुणा। सेवं भंते! सेवं भंते! ति भगवं जाव विहरइ।
*बारसमे सए चश्त्थो उद्देसो समतो *
0 पंचमो उद्देसो 0 [५४२] रायगिहे जाव एवं वयासी
अह भंते! पाणातिवाए मुसावाए अदिन्नादाणे मेहणे परिग्गहे, एस णं कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नते? गोयमा! पंचवण्णे दुगंधे पंचरसे चउफासे पन्नते।
अह भंते! कोहे कोवे रोसे दोसे अखमा संजलणे कलहे चंडिक्के भंडणे विवादे, एस णं कतिवण्णे जाव कतिफासे पन्नते? गोयमा! पंचवण्णे पंचरसे दुगंधे चठफासे पन्नते।
अह भंते! माणे मदे दप्पे थंभे गव्वे अत्तुक्कोसे परपरिवाए उक्कासे अवक्कासे उन्नए उन्नामे दुन्नामे, एस णं कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नते? गोयमा! पंचवण्णे जहा कोहे तहेव।
अह भंते! माया उवही नियडी वलये गहणे णूमे कक्के कुरूए जिम्हे किब्बिसे आयरणता गृहणया वंचणया पलिउंचणया सातिजोगे, एस णं कतिवण्णे कतिगंधे कतिरसे कतिफासे पन्नते? गोयमा! पंचवण्णे जहेव कोहे।
अह भंते! लोभे इच्छा मुच्छा कंखा गेही तण्हा भिज्झा अभिज्झा आसासणता पत्थणता लालप्पणता कामासा भोगासा जीवियासा मरणासा नंदिरागे, एस णं कतिवण्णे? जहेव कोहे।
अह भंते! पेज्जे दोसे कलहे जाव मिच्छादसणसल्ले, एस णं कतिवण्णे0? जहेव कोहे तहेव जाव चळफासे।
[५४३] अह भंते! पाणातिवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, कोहविवेगे जाव मिच्छादंसणसल्लविवेगे, एस णं कतिवण्णे जाव कतिफासे पन्नते? गोयमा! अवण्णे अगंधे अरसे अफासे पन्नते।
अह भंते! उप्पत्तिया वेणइया कम्मया पारिणामिया, एस णं कतिवण्णाo? तं चेव जाव अफासा पन्नता।
अह भंते! उग्गहे ईहा अवाये धारणा, एस णं कतिवण्णा0? एवं चेव जाव अफासा पन्नत्ता।
अह भंते! उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरक्कमे, एस णं कतिवण्णे0? तं चेव जाव अफासे पन्नते।
सत्तमे णं भंते! ओवासंतरे कतिवण्णे0? एवं चेव जाव अफासे पन्नते। सत्तमे णं भंते! तणुवाए कतिवण्णे? जहा पाणातिवाए नवरं अट्ठफासे पन्नते। एवं जहा सत्तमे तणुवाए तहा सत्तमे घणवाए घणोदधी पुढवी। छठे ओवासंतरे अवण्णे। तणुवाए जाव छट्ठा पुढवी, एयाइं अट्ठफासाई। एवं जहा सत्तमाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया तहा जाव पढमाए पुढवीए भाणियव्वं। जंबुद्दीवे जाव सयंभुरमणे समुद्दे, सोहम्मे कप्पे जाव ईसिपब्भारा पुढवी, नेरइयावासा जाव
[दीपरत्नसागर संशोधितः]
[264]
[५-भगवई