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________________ सतं-८, वग्गो - ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-८ मणुस्सीओ वा बंधति, अहवा मणुस्सो य मणुस्सी य बंधइ, अहवा मणुस्सो य मणुस्सीओ य बंधंति, अहवा मणुस्सा य मणुस्सी य बंधंति, अहवा मणुस्सा य मणुस्सीओ य बंधंति। तं भंते! किं इत्थी बंधइ, पुरिसो बंधइ, नपुंसगो बंधति, इत्थीओ बंधंति, पुरिसा बंधंति, नपुंसगा बंधति? नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसगो बंधइ? गोयमा! नो इत्थी बंधइ, नो पुरिसो बंधड़ जाव नो नपुंसओ बंधइ। पुव्वपडिवन्नए पडुच्च अवगयवेदा बंधति, पडिवज्जमाणए य पडुच्च अवगयवेदो वा बंधति, अवगयवेदा वा बंधंति। जइ भंते! अवगयवेदो वा बंधइ, अवगयवेदा वा बंधंति तं भंते! किं इत्थीपच्छाकडो बंधइ, पुरिसपच्छाकडो बंधइ, नपुंसकपच्छाकडो बंधइ, इत्थीपच्छाकडा बंधंति, पुरिसपच्छाकडा बंधंति, नपुंसगपच्छाकडा बंधंति, उदाह इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधति, उदाह इत्थीपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ, उदाह पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ, उदाह इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ, एवं एते छव्वीसं भंगा जाव उदाह इत्थीपच्छाकडा वि बंधइ, पुरिसपच्छाकडो वि बंधइ, नपुंसगपच्छाकडो वि बंधइ, इत्थीपच्छाकडा वि बंधंति , पुरिसपच्छाकडा वि बंधति, नपुंसकपच्छाकडा वि बंधंति, अहवा इत्थीपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ, एवं एए चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव अहवा इत्थिपच्छाकडा य परिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधति। तं भंते! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ, बंधी बंधइ न बंधिस्सइ, बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ, न बंधी बंधइ बंधिस्सइ, न बंधी बंधइ न बंधिस्सइ, न बंधी न बंधइ बंधिस्सइ, न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ? गोयमा! भवागरिसं पइच्च अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ। अत्थेगतिए बंधी बंधइ न बंधिस्सइ। एवं तं चेव सव्वं जाव अत्थेगतिए न बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ। गहणागरिसं पइच्च अत्थेगतिए बंधी, बंधइ, बंधिस्सइ; एवं जाव अत्थेगतिए न बंधी, बंधइ, बंधिस्सइ। णो चेव णं न बंधी, बंधइ, न बंधिस्सइ। अत्थेगतिए न बंधी, न बंधइ, बंधिस्सइ। अत्थेगतिए न बंधी, न बंधइ, बंधिस्सइ। तं भंते! किं साईयं सपज्जवसियं बंधइ, साईयं अपज्जवसियं बंधइ, अणाईयं सपज्जवसियं बंधइ, अणाईयं अपज्जवसियं बंधइ? गोयमा! साईयं सपज्जवसियं बंधइ, नो साईयं अपज्जवसियं बंधइ, नो अणाईयं सपज्जवसियं बंधइ, नो अणाईयं सपज्जवसियं बंदइ, नो अणाईयं अपज्जवसियं बंधइ। तं भंते! किं देसेणं देसं बंधइ, देसेणं सव्वं बंधइ, सव्वेणं देसं बंधइ, सव्वेणं सव्वं बंधइ? गोयमा! नो देसेणं देसं बंधइ, णो देसेणं सव्वं बंधइ, नो सव्वेणं देसं बंधइ, सव्वेणं सव्वं बंधइ। [४१५] संपराइयं णं भंते! कम्मं किं नेरइयो बंधइ, तिरिक्खजोणीओ बंधइ, जाव देवी बंधइ? गोयमा! नेरइओ वि बंधइ, तिरिक्खजोणीओ वि बंधइ, तिरिक्खजोणिणी वि बंधइ, मणुस्सो वि बंधइ, मणुस्सी वि बंधइ, देवो वि बंधइ, देवी वि बंधइ। तं भंते! किं इत्थी बंधइ, पुरिसो बंधइ, तहेव जाव नोइत्थीनोपुरिसोनोनपुंसओ बंधइ? गोयमा! इत्थी वि बंधइ, पुरिसो वि बंधइ, जाव नपुंसगो वि बंधइ। अहवेए य अवगयवेदो य बंधइ, अहवेए य अवगयवेया य बंधंति। तं भंते! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ; बंधी बंधइ न बंधिस्सइ ; बंधी न बंधइ, बंधिस्सइ ; बंधी न बंधइ, न बंधिस्सइ ? गोयमा! अत्थेगतिए बंधी बंधइ बंधिस्सइ ; अत्थेगतिए बंधी बंधइ, न बंधिस्सइ; अत्थेगतिए बंधी न बंधइ, बंधिस्सइ ; अत्थेगतिए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ । [दीपरत्नसागर संशोधितः] [168] [५-भगवई
SR No.003709
Book TitleAgam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages565
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size5 MB
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