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सतं-८, वग्गो, सत्तंसत्तं-, उद्देसो-६
से य संपट्ठिए, असंपत्ते थेरा य कालं करेज्जा, से णं भंते! किं आराहए विराहए? गोयमा! आराहए, नो विराहए।
से य संपट्ठिए असंपत्ते अप्पणा य पुव्वामेव कालं करेज्जा, से णं भंते! किं आराहए विराहए? गोयमा ! आराहए, नो विराहए ।
से य संपट्ठिए संपत्ते, थेरा य अमुहा सिया, से णं भंते! किं आराहए विराहए? गोयमा! आराहए, नो विराहए।
से य संपट्ठिए संपत्ते अप्पणा य । एवं संपत्तेणं वि चत्तारि आलावगा भाणियव्वा जहेव
असंपत्तेणं ।
निग्गंथेण य बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा निक्खंतेणं अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तस्स णं एवं भवति - इहेव ताव अहं । एवं एत्थ वि ते चेव अट्ठ आलावगा भाणियव्वा जाव नो विराहए |
निग्गंथेण य गामाणुगामं दूइज्जमाणेणं अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तस्स णं एवं भवति-इहेव ताव अहं । एत्थ वि ते चेव अट्ठ आलावगा भाणियव्वा जाव नो विराहए।
निग्गंथीए य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुपविट्ठाए अन्नयरे अकिच्चट्ठाणे पडिसेविए, तीसे णं एवं भवइ-इहेव ताव अहं एयस्स ठाणस्स आलोएमि जाव तवोकम्मं
पडिवज्जामि तओ पच्छा पवत्तिणीए अंतियं आलोएस्सामि जाव पडिवज्जिस्सामि, सा य संपट्ठिया असंपत्ता, पवत्तिणी य अमुहा सिया, सा णं भंते! किं आराहिया, विराहिया ? गोयमा ! आराहिया, नो विराहिया ।
सा य संपट्ठिया जहा निग्गंथस्स तिण्णि गमा भणिया एवं निग्गंथीए वि तिण्णि आलावगा भाणियव्वा जाव आराहिया, नो विराहिया ।
से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ-आराहए, नो विराहए ? "गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे एगं महं उण्णालोमं वा गयलोमं वा सणलोमं वा कप्पासलोमं वा तणसूयं वा दुहा वा तिहा वा संखेज्जा वा छिंदित्ता अगणिकायंसि पक्खिवेज्जा, से नूणं गोयमा ! छिज्जमाणे छिन्ने, पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते, डज्झमाणे दड्ढे त्ति वत्तव्वं सिया? हंता, भगवं! छिज्जमाणे छिन्ने जाव दड्ढे त्ति वत्तव्वं सिया ।
से जहा वा केइ पुरिसे वत्थ अहतं वा धोतं वा तंतुग्गयं वा मंजिट्ठादोणीए पक्खिवेज्जा, से नूणं गोयमा! उक्खिप्पमाणे उक्खित्ते, पक्खिप्पमाणे पक्खित्ते, रज्जमाणे रत्ते त्ति वत्तव्वं सिया? हंता, भगवं! उक्खिप्पमाणे उक्खित्ते जाव रत्ते त्ति वत्तव्वं सिया? से तेणट्ठेणं गोयमा ! एवं वच्चइ - आराहए, नो विराहए । [४०८] पईवस्स णं भंते! झियायमाणस्स किं पदीवे झियाति, लट्ठी झियाइ, वत्ती झियाइ, तेल्ले झियाइ, दीवचंपए झियाइ, जोती झियाइ ? गोयमा ! नो पदीवे झियाइ, जाव नो दीवचंपए झियाइ, जोती झियाइ ।
अगारस्स णं भंते! झियायमाणस्स किं अगारे झियाइ, कुड्डा झियायंति, कडणा झियायंति, धारणा झियायंति, बलहरणे झियाइ, वंसा झियायंति, मल्ला झियायंति, वागा झियायंति, छित्तरा झियायंति, छाणे झियाति, जोति झियाति? गोयमा ! नो अगारे झियाति, नो कुड्डा झियायंति, जाव नो छाणे झियाति, जोती झियाति ।
[दीपरत्नसागर संशोधितः ]
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[५-भगवई]