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________________ [९५] जंबुद्दीवस्स णं दीवस्स वेइया दो गाउयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । लवणे णं समुद्दे दो जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं पण्णत्ते । लवणस्स णं समद्दस्स वेइया दो गाउयाई उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । [९६] घायइसंडे दीवे पुत्थिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणे णं दो वासा पण्णत्ता-बहसमतुल्ला जाव तं जहा-भरहे चेव एरवए चेव, एवं-जहा जंबुद्दीवे तहा एत्थवि भाणियव्वं जाव दोस वासेस मणया छव्विहंपि कालं पच्चणभवमाणा विहरंति तं जहा- भरहे चेव एरवए चेव, नवरंकूडसाली चेव घायईरुक्खे चेव, देवा-गरुले चेव वेणुदेवे सुदंसणे चेव, घायइसंडे दीवे पच्चत्थिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणे णं दो वासा पण्णत्ताबहुसमतुल्ला जाव तं जहा- भरहे चेव एरवए चेव एवं-जहा जंबुद्दीवे तहा एत्थवि भाणियव्वं जाव छव्विहंपि कालं पच्चणभवमाणा विहरंति तं जहा- भरहे चेव एरवए चेव, नवरं-कूडसामली चेव महाधायईरुक्खे चेव, देवा-गरुले चेव वेणदेवे पियदंसणे चेव । ठाणं-२. उद्देसो-३ घायइसंडे णं दीवे दो भरहाइं दो एरवयाई दो हेमवयाइं दो हेरन्नववाइं दो हरिवासाइं दो रम्मगवासाइं दो पुव्वविदेहाइं दो अवरविदेहाइं दो देवकुराओ दो देवकुरुमहद्दुमा दो देवकुरुमहद्दुमवासी देवा दो उत्तरकुराओ दो उत्तरकुरुमहदुमा दो उत्तरकुरुमहद्दमवासी देवा दो चूल्लहिमवंता दो महाहिमवंता दो निसढा दो नीलवंता दो रुप्पी दो सिहरी दो सद्दावाती दो सद्दावातिवासी साती देवा दो वियडावाती दो वियडावातिवासी पभासा देवा दो गंधावाती दो गंधावातासी अरुणा देवा दो मालवंतपरियागा दो मालवंतपरियागवासी पउमा देवा दो मालवंता दो चित्तकूडा दो पम्हकूडा दो नलिणकूडा दो एगसेला दो तिकूडा दो वेसम-णकूडा दो अंजणा दो मातंजणा दो सोमणसा दो विज्जुप्पभा दो अंकावती दो पम्हावती दो आसीविसा दो सुहावहा दो चंदपव्वता दो सूरपव्वता दो नापगव्वता दो देवपव्वता दो गंधमायणा दो उसगारपव्वया दो चुल्लहिमवंतकूडा दो वेसमणकूडा दो महाहिमवंतकूडा दो वेरुलियकूडा दो निसढकूडा दो रुयगकूडा दो नीलवंतकूडा दो उवदंसणकूडा दो रुप्पिकूडा दो मणिकंचणकूडा दो सिहरिकूडा दो तिगिछिकूडा दो पउमद्दहा दो पउमद्दहवासिणीओ सिरीओ देवीओ दो महापउमद्दहा दो महापउमद्दहवासिणीओ हिरीओ देवीओ एवं जाव दो पंडरीयद्दहा दो पोंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीओ देवीओ दो गंगप्पवायदहा जाव दो रत्तावतीपवातद्दहा दो रोहियाओ जाव दो रुप्पकूलाओ दो गाहवतीओ दो दहवतीओ दो पंकवतीओ दो तत्तजलाओ दो मत्तजलाओ दो उम्मत्तजलाओ दो खीरोयाओ दो सीहसोताओ दो अंतोवाहिणीओ दो उम्मिमालिणीओ दो फेणमालिणीओ दो गंभीरमालिणीओ दो कच्छा दो सुकच्छा दो महाकच्छा दो कच्छावती दो आवत्ता दो मंगलवत्ता दो पुक्खला दो पुक्खलावई दो वच्छा दो सुवच्छा दो महावच्छा दो वच्छगावती दो रम्मा दो रम्मगा दो रमणिज्जा दो मंगलावती दो पम्हा दो सुपम्हा दो महपम्हा दो पम्हगावती दो संखा दो नलिणा दो कुमुया दो सलिलावती दो वप्पा दो सुवप्पा दो महावप्पा दो वप्पगावती दो वग्गू दो सुवग्गू दो गंधिला दो गंधिलावती ।। दो खेमाओ दो खेमपुरीओ दो रिट्ठाओ दो रिट्ठपुरीओ दो खग्गीओ दो मंजूसाओ दो ओसधीओ दो पोंडरिगिणीओ दो सुसीमाओ दो कुंडलाओ दो अपराजियाओ दो पभंकराओ दो अंकावईओ दो पम्हावईओ दो सुभाओ दो रयणसंचयाओ दो आसपुराओ दो सीहपुराओ दो महापुराओ दो विजयपुराओ दो [मुनि दीपरत्नसागर संशोधित:] [17] [३-ठाण]
SR No.003705
Book TitleAgam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages141
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size2 MB
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