SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जंबुद्दीवे दीवे दोसु कुरासु मणुया सया सुसमसुसममुत्तमं इढिं पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति तं जहा देवकुराए चेव उत्तरकुराए चेव । जंबुद्दीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया सया सुसमुत्तमं इढिं पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति तं जहा- हरिवासे चेव रम्मगवासे चेव । जंबुद्दीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया सया सुसमदूसममुत्तममिढिं पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति तं जहा- हेमवए चेव हेरण्णवए चेव । जंबुद्दीवे दीवे दोसु खेत्तेसु मणुया सया दूसमसुसममुत्तममिढिं पत्ता पच्चणुभवमाणा विहरंति तं जहा- पुव्वविदेहे चेव अवरविदेहे चेव । जंबुद्दीवे दीवे दोसु वासेसु मणुया छव्हिपि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति तं जहा- भरहे चेव एरवते चेव । __ [१०] जंबुद्दीवे दीवे-दो चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा, दो सूरिआ तविसुं ठाणं-२, उद्देसो-३ वा तवंति वा तविस्संति वा, दो कत्तियाओ, दो रोहिणीओ, दो मग्गसिराओ, दो अदाओ, एवं गाहाणुसारेण नेयव्वं जाव दो भरणीओ । [९१] कत्तिया रोहिणि मगसिर अद्दा य पुणव्वसू अ पूसो य । तत्तेऽवि अस्सलेसा महा य दो फग्गुणीओ य ।। [९२] हत्थो चित्ता साई विसाहा तह य होति अणुराहा । जेट्ठा मूलो पुव्वाय आसाढा तह उत्तरा चेव ।। [९३] अभिई सवणे घणिट्ठा सयभिसया दो य होति भद्दवया । रेवति अस्सिणि भरणी नेयव्वा आण्पव्वीए । [९४] दो अग्गी दो पयावती दो सोमा दो रुद्दा दो अदिती दो बहस्सती दो सप्पा दो पिती दो भगा दो अज्जमा दो सविता दो तट्ठा दो वाऊ दो इंदग्गी दो मित्ता दो इंदा दो णिरती दो आऊ दो विस्सा दो बम्हा दो विण्ह दो वसू दो वरुणा दो अया दो विविद्धी दो पुस्सा दो अस्सा दो यमा । दो इंगालगा दो वियालगा दो लोहितक्खा दो सणिच्चरा दो आहणिया दो पाहणिया दो कणा दो कणगा दो कणकणगा दो कणगविताणगा दो कणगसंताणगा दो सोमा दो सहिया दो आसासणा दो कज्जोवगा दो कब्बडगा दो अयकरगा दो दंभगा दो संखा दो संखवण्णा दो संखवण्णाभा दो कंसा दो कंसवण्णा दो कंसवण्णाभा दो रुप्पी दो रुप्पाभासा दो नीला दो नीलोभासा दो भासा दो भासरासी दो तिला दो तिलप्प्फवण्णा दो दगा दो दगपंचवण्णा दो काका दो क्ककंधा । दो इंदग्गी दो धूमकेऊ दो हरी दो पिंगला दो बुद्धा दो सुक्का दो बहस्सती दो राहू दो अगत्थी दो माणवगा दो कासा दो फासा दो धुरा दो पम्हा दो विगडा दो विसंधी दो णियल्ला दो पइल्ला दो जडियाइलगा दो अरुणा दो अग्गिल्ला दो काला दो महाकालगा दो सोत्थिया दो सोवत्थिया दो वद्धमाणगा दो पूससमाणगा दो अंकुसा दो पलंबा दो णिच्चालोगा दो णिच्चुज्जेता दो सयंपभा दो ओभासा दो सेयंकरा दो खेमंकरा दो आभंकरा दो पभंकरा दो अपराजिता दो अरया दो असोगा दो विगतसोगा दो विमला दो वितता दो वितत्था दो विसाला दो साला दो सुव्वता दो अणियट्टी दो एगजडी दो दुजडी दो करकरिगा दो रायग्गला दो पुप्फुकेतू दो भावकेऊ । [मुनि दीपरत्नसागर संशोधितः] [16] [३-ठाणं]
SR No.003705
Book TitleAgam 03 Thanam Taiam Angsuttam Mulam PDF File
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages141
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy