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समर्पण
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प्रस्तुत ग्रन्थ प्रभु महावीर के २६००वें जन्म महोत्सव पर
अपनी गुरुणीजी जिनशासन प्रभाविका साध्वीरत्न जैन ज्योति श्री स्वर्णकान्ता जी म.
के कर-कमलों में सहज भाव से समर्पित करते हैं।
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रवीन्द्र जैन पुरुषोत्तम जैन मण्डी गोविन्दगढ़
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