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________________ प्रादेशिक भाषाओं में राजस्थानी साहित्य का प्रमुख स्थान है। इस साहित्य में रास व पुराण परम्परा प्रमुख है। भगवान महावीर पर इस भाषा में अभी इस भाषा के हजारों ग्रन्थ अप्रकाशित हैं। निम्नलिखित ग्रन्थ उपलब्ध हैंग्रन्थ का नाम कवि का नाम रचनाकाल १. महावीर रास कवि कुमुदचन्द्र २. वर्द्धमान रास कवि नवलसार ३. महावीरनो रास पदम कवि सं. १६०९ ४. वर्द्धमान रास वर्द्धमान कवि सं. १६६५ ५. वर्द्धमान पुराण नवल राय सं. १६९१ ६. वर्द्धमान चरित्र केसरीसिंह सं. १६९१ ७. वर्द्धमान सुवनिका कवि बुद्ध जी ८. महावीर पुराण मनसुख सागर ९. महावीर री विनती भट्टारक शुभचन्द १०. महावीर छंद भट्टारक शुभचन्द आधुनिक साहित्य ___ आजकल प्रभु महावीर पर भारतीय व विदेशी भाषाओं में इतना साहित्य प्रकाशित हुआ है जितना किसी भारतीय धर्म संस्थापक पर कम ही हुआ हो। हमारे देश की प्रमुख भाषा हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, उर्दू, मराठी, तमिल, पंजाबी, फ्रेंच, तेलगू, कन्नड़, बंगाली के अतिरिक्त जर्मन व अंग्रेजी में साहित्य उपलब्ध है। इस साहित्य के रचयिता जैन आचार्य, उपाध्याय, साधु, साध्वी, श्रावक, श्राविकाएँ व विदेशी लेखक हैं। उस साहित्य में कुछ चुनींदा ग्रन्थों के नाम हम यहाँ दे रहे हैं जिन ग्रन्थों की इस पुस्तक में सहायता ली गई है क्र. सं. पुस्तक का नाम लेखक समय भाषा गुजराती गुजराती १९२५ १९४१ १९८१ १९२९ १. श्री महावीर स्वामी चरित्र वकील नन्दलाल, लल्लूभाई बडेरा २. महावीर कथा गोपालदास जीवाभाई ३. भगवान महावीर चन्द्रराज भण्डारी ४. श्री महावीर चरित्र मुनि हर्षचन्द ५. श्री वर्धमान चरित्र स्व. श्री ज्ञानचन्द ६. भगवान महावीर का आदर्श जीवन स्व. श्री चौथमल जी म. ७. श्रमण भगवान महावीर मुनि श्री कल्याणविजय जी ८. तीर्थंकर वर्द्धमान श्री श्रीचन्द रामपुरिया ९. तीर्थंकर महावीर (१-२) आचार्य विजयइन्द्रसूरि जी १०. भगवान महावीर : एक अनुशीलन आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी ११. आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन मुनि श्री नगराज हिन्दी गुजराती हिन्दी हिन्दी हिन्दी हिन्दी हिन्दी हिन्दी हिन्दी ११ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003697
Book TitleSachitra Bhagwan Mahavir Jivan Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindra Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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