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चित्र नं. १५
TARSHOTAM
प्रभु को ध्यानस्थ देखकर कटपूतना नामक व्यन्तरी ने जटाओं में ठण्डा पानी भरकर उसकी तेज बौछारें प्रभु के शरीर पर डालने लगी। कूविय सन्निवेश में गुप्तचर समझकर प्रभु को कारागार में बन्द कर दिया। तब विजया व प्रगल्भा परिव्राजिका ने से
प्रभु का
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