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७. सामायिकी व्यक्ति की संख्या आदि द्वार
... सम्यक्त्व आदि सामायिक को प्राप्त करने वाले प्राप्त किये हुए, प्राप्त करके पतित बने व्यक्ति विवक्षित समय में कितने होते हैं ? इस बात का निर्देश इस विभाग में किया जा रहा है।
प्रश्न (१) प्रतिपत्ता-सामायिक प्राप्त करने वाले जीव विवक्षित समय में कितने होते हैं ?
उत्तर सम्यक्त्व एवं देशविरति वाले जीव "क्षेत्रपल्योपम के असंख्य भाग प्रमाण" होते हैं, अर्थात् क्षेत्रपल्योपम के असंख्यातवे भाग में जितने आकाश प्रदेश होते हैं उतनी ही संख्या में उत्कृष्ट से सम्यक्त्व एवं देशविरति को प्राप्त करने वाले जीव एक समय में होते हैं। विशेषता यह है देशविरति की अपेक्षा सम्यक्त्व प्राप्त करने वाले असंख्य गुने अधिक होते हैं । जघन्य से एक अथवा दो होते हैं । श्रुत (सामान्य अक्षरात्मक) को प्राप्त करने वाले जीव घनीकृत लोक को-समचतुरस्र किये गये लोक की-एक प्रदेशी सप्तराज प्रमाण श्रेणी के असख्यातवे भाग में जितने प्रदेश होते हैं उतने प्रमाण में उत्कृष्ट से होते हैं। जघन्य से एक अथवा दो होते हैं। सर्वविरति सामायिक को प्राप्त करने वाले जीव उत्कृष्ट से सहस्रपृथक्त्व (दो से नौ हजार) होते हैं । जघन्य से एक अथवा दो होते हैं ।
प्रश्न (२) पूर्वप्रतिपन्न-सामायिक प्राप्त किये हुए-जीव विवक्षित समय पर कितने होते हैं ?
उत्तर-सम्यक्त्व एवं देशविरति प्राप्त जीव वर्तमान समय में उत्कृष्ट से और जघन्य से असंख्य होते हैं, परन्तु जघन्य की अपेक्षा उत्कृष्ट में विशेषाधिक एवं प्रतिपद्यमान को अपेक्षा असंख्य गुने होते हैं । सर्वविरति चारित्र को प्राप्त, वर्तमान समय में जघन्य से और उत्कृष्ट से संख्याता होते १ निम्न शब्दों के अर्थ समझ लेने से पठन में सरलता होगी: "प्रतिपत्ता"-प्राप्त करने वाला; "प्रतिपन्न"-प्राप्त किया हुआ; "पतित". प्राप्त करके पीछे हटे हुए।
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