SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 48
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 46 :: तत्त्वार्थसार 180 180 182 182 182 183 183 184 184 187 188 188 189 190 190 व्रत-रक्षा के उपाय अहिंसा व्रत की भावना सत्य व्रत की भावना अचौर्य व्रत की भावना ब्रह्मचर्य व्रत की भावना परिग्रहत्याग व्रत की भावना हिंसादि पापों का स्वरूप-चिन्तवन व्रती की कैसी भावना होनी चाहिए व्रत-रक्षार्थ और भी भावना हैं हिंसा का लक्षण असत्य का लक्षण चौर्य का लक्षण अब्रह्म का लक्षण परिग्रह का लक्षण व्रती का लक्षण व्रतियों के दो भेद सहायक व्रत-सात शील सल्लेखना व्रत अतिचार प्रकरण सम्यक्त्व के पाँच दोष अहिंसाणुव्रत के पाँच अतीचार सत्याणुव्रत के पाँच अतीचार अचौर्याणुव्रत के पाँच अतीचार स्वदारसन्तोष अणुव्रत के पाँच अतीचार परिग्रह-परिमाण-अणुव्रत के पाँच अतीचार दिग्विरत व्रत के पाँच अतीचार देशविरत व्रत के पाँच अतीचार अनर्थदंड व्रत के पाँच अतीचार सामायिक व्रत के पाँच अतीचार प्रोषधोपवास व्रत के पाँच अतीचार भोगोपभोगपरिमाण व्रत के पाँच अतीचार अतिथिसंविभाग व्रत के पाँच अतीचार सल्लेखना व्रत के पाँच अतीचार दान का स्वरूप एवं विशेषता 197 198 199 199 201 201 202 203 205 205 208 209 210 Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003694
Book TitleTattvartha Sara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitsagar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2010
Total Pages410
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy