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विषयानुक्रमणिका :: 45
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छाया के भेद व लक्षण आतप व उद्योत का लक्षण भेद के भेद पुद्गल में बन्धन की योग्यता दो अंश की अधिकता रहने का क्या कारण है बन्ध के भेद अजीव तत्त्व वर्णन का उपसंहार
चतुर्थ अधिकार मंगलाचरण व विषय-प्रतिज्ञा आस्रव का लक्षण आस्रव का शब्दार्थ कर्म के दो प्रकार साम्परायिक कर्म के आने के कारण आस्रव की तरतमता के कारण अधिकरण या आश्रय का विस्तारार्थ ज्ञानावरण कर्म के आस्रव-हेतु दर्शनावरण के आस्व-हेतु वेदनीय के प्रथम भेद, असातावेदनीय के आस्रव हेतु सातावेदनीय के आस्रव-हेतु दर्शनमोहनीय के आस्रव हेतु चारित्र मोहनीय के आस्रव-हेतु नरकायु के आस्रव-हेतु तिर्यंचायु के आस्रव-हेतु मनुष्यायु के आस्रव-हेतु देवायु के आस्रव-हेतु अशुभ नामकर्म के आस्रव-हेतु शुभ नामकर्म के आस्रव-हेतु तीर्थंकर नामकर्म के आस्रव-हेतु नीचगोत्र कर्म के आस्रव-हेतु उच्चगोत्र कर्म के आस्रव-हेतु अन्तराय कर्म के आस्रव-हेतु पुण्य-पाप कर्म के आस्रव हेतु व्रत किन्हें कहते हैं व्रत के भेद
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