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________________ कल्पों के नाम ये दश भेद जहाँ नहीं हैं उनका वर्णन ऊपर-नीचे के देवों में अन्तर क्या है। संसारी व सिद्धों का क्षेत्र जीवों के भंग तत्त्व- श्रद्धा का फल मंगलाचरण और विषय - प्रतिज्ञा पाँच अजीवों के नाम द्रव्यों की छह संख्या पंचास्तिकाय का वर्णन द्रव्य का लक्षण उत्पाद का लक्षण व्यय का लक्षण ध्रौव्य का लक्षण गुण- पर्याय के लक्षण गुण पर्याय शब्दों का अर्थ द्रव्य से गुणों का अभेद पर्याय- द्रव्य का अभेद उत्पाद - व्यय की सार्थकता द्रव्यों की नित्यता द्रव्यों के अपरिहार्य भेद द्रव्यों की मूर्तमूर्तत्व व्यवस्था द्रव्यों के उत्तर भेदों का निश्चय चलनशक्ति का निश्चय द्रव्यों की प्रदेश संख्या प्रदेश कल्पना कहाँ पर नहीं है? द्रव्यों के रहने का क्षेत्र धर्माधर्म की अवगाहना का परिमाण जीव की अवगाहना का परिमाण पुद्गलों की अवगाहना का परिमाण एक आकाश-प्रदेश में अनेक वस्तु अवगाहनत्व का दृष्टान्त उपसंहार Jain Educationa International तृतीय अधिकार For Personal and Private Use Only 227 229 231 233 234 238 1 2 3 4 5 NE ON ONE 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 21 22 23 24 25 26 27 28 विषयानुक्रमणिका : 43 101 102 103 103 104 105 107 107 107 107 108 110 110 110 110 111 111 111 111 112 112 113 113 114 114 115 116 117 117 118 120 120 120 www.jainelibrary.org
SR No.003694
Book TitleTattvartha Sara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitsagar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2010
Total Pages410
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size18 MB
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