SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 43
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयानुक्रमणिका :: 41 110 112 117 121 122 123 126 127 128 129 131 132 134 135 138 139 141 योनियों के उत्तर भेद कुलों की संख्या एकेन्द्रियों और तिर्यंचों की उत्कृष्ट आयु असंज्ञी पंचेन्द्रिय, कर्मभूमि मनुष्य, तिर्यंचों की उत्कृष्ट आयु भोगभूमिज, कुभोगभूमिज मनुष्य, तिर्यंचों की उत्कृष्ट आयु नारकियों की उत्कृष्ट एवं जघन्य आयु भवनवासी देवों की जघन्योत्कृष्ट आयु व्यन्तर देवों की जघन्योत्कृष्ट आयु ज्योतिष्क देवों की जघन्योत्कृष्ट आयु कल्पवासी देवों की उत्कृष्ट आयु कल्पातीत देवों की उत्कृष्ट आयु वैमानिक देवों की जघन्य आयु मनुष्य एवं तिर्यंचों की जघन्य आयु किनकी आयु नहीं घटती है सभी जीवों का शरीर-मान ज्योतिष्क, भवनवासी और व्यन्तर देवों की ऊँचाई वैमानिक देवों की ऊँचाई तिर्यंचगति के शरीरों का परिमाण नरकगति में जीवों के गमन की योग्यता नरकगति से जीवों के आगमन की योग्यता किसका जन्म कहाँ होता है कौन-से स्थावर में मनुष्यादि उत्पन्न हो सकते हैं मनुष्यों में कौन-से स्थावर उत्पन्न नहीं होते असंज्ञी का जन्म चारों गतियों में हो सकता है भोगभूमि में कौन उपजते हैं भोगभूमि के जीव कहाँ उपजते हैं शलाकापुरुषों का जन्म-निश्चय कर्मभूमि के मिथ्यादृष्टि जीवों की उत्पत्ति भोगभूमि के मिथ्यादृष्टियों की और तापसों की उत्पत्ति इतर तपस्वियों का जन्म सम्यक्त्वी मनुष्य और देशव्रती तिर्यंच का जन्म अन्य लिंगियों के जन्म की मर्यादा कल्पातीत देवों में कौन उपजते हैं कल्पातीत देव कहाँ उपज सकते हैं अनुदिशादि देव मरकर कहाँ उपज सकते हैं 144 146 148 153 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 169 172 173 Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003694
Book TitleTattvartha Sara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitsagar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2010
Total Pages410
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy