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________________ उ... जहासे उडुवइ चंदे नख्खत्ते परिवारिए । पडिपुन्ने पुन्नम्मसिए एवं हवइ बहुस्सुए ॥२५॥ जहासे सामाइयाणं 8 कोठागारेसु रख्खिए । नाणाधण पडिपुन्ने एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २६ ॥ जहासा दुमाण पवरा जंबूनाम सुदंसणा । Ma अणाढियस्स देवस्स एवं हवइ बहुस्सुए ॥२७॥ जहा सा नईण पवरा सलिला सागरं गमा । सीयानीलवंत पवहा Ma एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २८ ॥ जहासे नगाण पवरे सुमहं मंदरो गिरी । नाणो सहि पज्जलिए एवं हवइ बहुस्सुए ॥ २९ ॥ जेम उडुपति चंद्र नक्षत्रना परिवार सहित पूर्णमानी रात्रे (सोळ कळाथी) शोभेछ, तेम बहु श्रुत साधु पण (साधुओना परिवारमा सर्व धर्म कळाथी) शोभे छे. [२५]. जेम चोर, मुषकादिना उपद्रव सामे सुरक्षित अने नानां प्रकारनां धान्यथी भरेला 18गृहस्थोना कोठार शोभे छे, तेम बहु श्रुत साधु पण शोभे छे. [२६]. जंबूद्वीपना अधिष्ठाता देव ज्यां वास करी रहेला छे, अने जे सर्व वृक्षोमां श्रेष्ठ गणाय छे, एवा जंबु' अथवा सुदर्शन वृक्षनी माफक बहु श्रुत साधु शोभे छे. [२७]. जेमनील पर्वतमाथी उत्पन्न थती अने समुदमां वहेती सीता नदी सर्व नदीओमा श्रेष्ठ गणाय छे, तेम बहुश्रुत साधु पण अन्य साधुओमां श्रेष्ठ गणाय छे. [२८]. जेम सर्व पर्वतोमांश्रेष्ठ एवो मन्दरो-मेरु पर्वत नाना प्रकारनी औषधीना प्रभावथी शोभे छे, तेम बहु श्रुत साधु पण जिनशासनना | प्रभावना प्रकाशकरुप शोभे छे. [२९]. १ The queen of the stars. २. Eugenie Jambu टीकाकार कहे छ के आ वृक्ष उपरथी जंबुद्वीप नाम पडेल | छे. ३, आने बदले प्रो. जकोबी लखे छे के- 'पोताना नील जळ सहित'.४. जैन सृष्टि विद्या वर्णन प्रमाणे हिमालय पर्वतनी दक्षिण तरफनी शाखाना नील पर्वतमाथी नीकळी सीता नदी पूर्व महासागरमा मळे छे. Jain Education Intomational For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003693
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMehta Mohanlal Damodar
PublisherMehta Mohanlal Damodar
Publication Year
Total Pages352
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size20 MB
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