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________________ ३४ २९४ उ. अ. नामाई वन्न रस गंध फास परिणाम लख्खणं । ठाणं ठिई गई चाउं लेसाणंतु सुणेहमे ॥ २॥ किन्हा नीला काऊ तेऊ पम्हा तहेवय । सुक्कलेसाय छड्डाय नामाईंतु जहक ॥३॥ जीमूय निद्ध संकाला गवल रिह गसन्निभा । खंजं जण नयण निभा किन्ह लेसाओ ओ ॥ ४ ॥ नीला सोग संकासा चास पिल्लु सम पभा । वेरुलिय नि संकासा नील लेसाओ वन्नओ ॥ ॥ अयसीपुप्फ संकासा कोइल छद सन्निभा । पात्रय गीव निभा काउ लेसाओ वन्नओ ||६|| हिंगुलयधाउ संकासा तरुणा इच्च सन्निभा । सुय तुंड पईव निभा तेउ लेसाओ बन्नओ ॥७॥ हरियाल भेय संकासा हलिद्दा भेय सन्निभा | सणासण कुसम निभा पम्ह लेसाओ बन्नओ ॥८॥ लेश्यानां [१] नाम, [२] वर्ण, [३] रस, [४] गंध, [५] स्पर्श, [६] परिणाम, [७] लक्षण, [८] स्थान, [९] स्थिति, [१०] गति अने [११] आयुष्य सांभळो. (२) १ लेश्यानां अनुक्रमे नाम :- [१] कृष्ण-लेश्या, [२] नील-लेश्या, [३] कापोतलेश्या, [४] तेजोलेश्या, [५] पद्म-लेश्या अने [६] शुक्ल-लेश्या. (३). [२]कृष्ण-लेश्यानो वर्ण (रंग) जीमूत एटले काळा मेघ जेवो पाडानां शींगडां जेवो, अरीठानां फळ जेवो अथवा तो खंज पक्षीनी आंखनी कीकी जेवो होय छे. (४). नील- लेश्यानो वर्ण नीलअशोक वृक्ष जेवो, नील-चास पक्षीनी पांख जेवो अथवा तो वैडूर्य [नील-मणि] जेवो होय छे. (५). कापोत- लेश्यानो वर्ण अलसीना फुल जेवो, कोयलनी पांख जेवो अथवा तो पारेवानी डोक जेवो होय छे. (६). तेजोलेश्यानो वर्ग हिंगळा जेवो, उगता सूर्यना जेवो, अथवा तो पोपटनी चांच जेवो होय छे (७) पद्म-लेश्यानो वर्ण हरतालना भूका जेवो, हळदरना भूका जेवो अथवा तो शण अने अशणनां फुल जेवो होय छे. (८). तेना रंग Black, Blue, Grey, Red, Yellow and white.. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003693
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMehta Mohanlal Damodar
PublisherMehta Mohanlal Damodar
Publication Year
Total Pages352
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_uttaradhyayan
File Size20 MB
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