________________
०००००००००००००००००
आलवते लपंतेवा ननिसीइज्ज कयाइवि । चइऊण आसणं धीरो जओ जुसं पडिरसुणे ॥ २१ ॥ आसणगओ न || 'पुछिज्जा नेव'तिज्जा..ओ कयाइवि । आगम क्कुडुओ संतो पुछिज्जा पंजली उडो॥ २२ ॥ एवं विणय जुत्तर सुत्तं अ| थ्थंच तदुभयं । पछुमाणरस सीसस्स वागरेज्म जहा सुयं ॥२३॥ मुसं पहिरे भिख्खू नय ओहारिणिं वए। भासा दोसंपरिहरे मायंच वज्जए रूया ॥२४॥ नलविज्ज पुट्ठो सावजं ननिरझुनमम्मयं । अप्पणछा परछावा उभयसंत रेणवा ॥२५॥
कोइ प्रतमा १. 'पुछेज्जा' 'सेज्जागओ' छे.
०००००००००००००००००००००००००
गुरु एकवार बोल.वे अथवा वारंवार ब.लावे, छतां अधीरा थर्बु नहि. बुद्धिवंत शिष्ये आसनेथी उठीने, गुरु जे काइ आज्ञा करे, ते ध्यान अने आदर सहित पाळवी. (२१]. पोताने आसने या पथारीमां बेठां बेठां (गुरुने ) काइ प्रश्न पूछवो नहि; परंतु
आसनेथी उठी, गुरु समीपे आवी, बे हाथ जोडीने पूछर्बु (२२) उपर प्रमाणे विनय सहित शिष्य सूत्र अथवा सूत्रार्थ अथवा ए ३ बन्ने विप्रश्न करे तो गुरुए पोताना गुरु पासवी सांभळ्यो होय तेवो उत्तर आपवो. २३] साधुए मृषाव द (जूटुं बोलवू ते) तजवो
तेमज तेगे भिविन्यने माटे निश्चयात्मक भाषा वापरवी नहि भाषा दोष परिहरको [त्यागवो), अन दगा [माया थी सदा दूर रहj [२४]. पोताना आत्माने अर्थे अथवा तो बीजाना आत्माने अर्थे अथवा तो विना प्रयोजने साधुए पाप वचन, अर्थ रहित वचन, य तो मार्मिक वचन भाखवू नहि..२५).
१. भाषा समति संबंधीनी आ गाथाना प्रोफेसर जेकोबीए वापरला अंग्रेजी शब्दो आ छे." He should uot tell anything sinful or meaningless or hurtful, neither for bis own sake nor for anybody else's, nor without such a motive.”
Jan Education Interational
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org