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॥ श्रीजिनाय नमः ॥
श्रीहरिभद्रसूरिकृतान्यष्टकानि ।
(
मूल, तेनो अर्थ, अने टीकानो भावार्थ. )
संस्कृतपरथी गुजरातीमां
जामनगरनिवासि पंडित श्रावक हीरालाल वि. हंसराज पासे है
भाषांतर करावी
छपावी प्रसिद्ध करनार श्रावक नीमसिंह माणेक
श्री. मुंबई... कन्द्र, काबा, मि. गांधीनगर निर्णयसागर छापखानामां छाप्यु.
संवत १९५६.
सने १९००.
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