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________________ निर्धन विषे राजसेवा विषे खलता विषे .... खलई उपर मगर ने वांदरानो प्रबंध विश्वास विषे QUI Uu २०० २०१ २०३ कागमानो विश्वास करवाथी मृत्यु पामनार कनो प्रबंध २०४ २०६ २०७ २१० २१३ २१३ ...* Jain Educationa International .... .... .... ५ .... .... .... .... **** .... .... .... .... मैत्री विषे मैत्री उपर सहस्रम साधुनो प्रबंध मैत्री उपर बलन अने कृश्ननो प्रबंध .... कुव्यसन विषे पहेला कुव्यसन द्युत विषे जुवटु रमवानो त्याग करवायी सुखी थनार पुण्यसार कु २९४ .... २३० २३३ .... मारनी कथा..... बीजा कुव्यसन मांस जण तथा त्रीजा कुव्यसन चोरी विषेश्२५ मांस मोघुं बे एवं सिद्ध करनार अजयकुमारनो प्रबंध .... २२६ मांसनी लालचथी नरके जनार कालिकसूरी कसाई तथा तेनो त्याग करी धर्म श्राराधन करनार तेना पुत्र सुलसनी कथा १२० त्रीजा चोरीना व्यसन उपर मंमीक चोरनो प्रबंध चोथा कुव्यसन मद्य विषे मदिराना व्यसनथी द्वारिका नगरीनो दाह थया विषे प्रबंध २३८ पांचमा कुव्यसन वेश्यागमन विषे.... विषयनी लालचे वेश्याना वचनथी कांबल लेवाने नेपाल देशमां जनार सिंहगुफावासी साधुनो प्रबंध बघा कुव्यसन खेटक एटले आहेमा व्यसन विषे हेडा व्यसन निवारक संजति राजानो प्रबंध सातमा कुव्यसन परस्त्रीसंग विषे .... २३ .... 0418 .... G .... .... For Personal and Private Use Only .... .... 06 .... .... .... .... 0418 .... **** .... **** **** .... **** .... .... **** .... १३ २४५ २४६ www.jainelibrary.org
SR No.003685
Book TitleSuktavali yane Suktmuktavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1911
Total Pages368
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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