SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 175
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१७३) तेना स्वामीने परदेशगमन करावी अत्यंत कष्ट श्रपावे . जे बलदना उदरजाग पर माबी बाजुए लाल रंगनुं बंदरना श्राकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीने विषयमा लोलुपी करे डे, तथा तेना धन अने परिवारनो नाश करावे . जे बलदना उदरनाग पर मावी बाजुए श्याम रंगनुं पुष्पोनी मालाना आकार, चिह्न होय बे, तेवो बलद तेना खामीने मदिरा आदिकना उर्व्यसनमा जोमे , पण जो ते पुष्मालानुं चिह्न सफेद रंगर्नु होय, तो तेवो बलद तेना स्वामीने अतिशय धननी प्राप्ति करावे बे, तथा तेनी कीर्तिनो विस्तार करावे . जे बलदना उदरजाग पर माबी बाजुए लाल रंगनुं चक्रना आकार- चिह्न होय तेवो बलद तेना स्वामीने राज्यनी प्राप्ति करावे . जे बलदना उदरनाग पर मावी बाजुए सफेद रंगनुं पत्रना आकारनुं चिह्न होय , तेवो बलद तेना स्वामीनी कीर्ति फेलावे, तथा तेने लक्ष्मीनो पण लाज अपावे जे. जे बलदना उदरनाग पर माबी बाजुए श्याम रंगनुं तोमना आकारनु चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीनु अकस्मात् मृत्यु निपजावे . जे बलदना उदरजाग पर Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003684
Book TitleSamudrik Shastranu Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1914
Total Pages226
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy