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( १७२) एवी रीते प्रसंगोपात तेवा बलदनी कथा कही.
जे बलदना उदरलाग पर माबी बाजुए पीला रंगनुं मगरना आकारर्नु चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीने जलनो नय उपजावे , माटे तेवा बलदने ग्रहण करवो नहीं. जे बलदना उदरत्नाग पर माबी बाजुए घणा लांबा वालो जगेला होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी स्त्रीनो नाश करे . जे बलदना उदरनाग पर माबी बाजुए घणा मसो जगेला होय, तेवो बलद तेना स्वामीनी लक्ष्मीनो नाश करे बे, तथा तेने राज्य आदिकथी नय उपजावे . जे बलदना उदरजाग पर माबी बाजुए सफेद रंगनुं श्रमिनी शिखाना आकार- चिह्न होय, तेवो बलद तेना खामीने अग्निनो जय उपजावे . जे बलदना उदरनाग पर माबी बाजुए लाल रंगनुं अंकुशना थाकारे चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीने रोग प्रादिक जय निःसंशयपणे उपजावे . जे बलदना उदरनाग पर माबी बाजुए सफेद रंगनुं योनिना आकारनुं चिह्न होय, तेवो बलद तेना स्वामीना परिवारनो तुरत नाश करे बे. जे बलदना उदरनाग पर डाबी बाजुए मरना श्राकार- चिह्न होय, तेवो बलद
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