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श्रीजवादुस्वामकृत सामुजिक शास्त्रनुं सरल शुरू गुर्जर
नाषांतर.
जेमां पुरुष, स्त्री, घोडा, हाथी, बलद विगेरेनां शरीर S पर रहेलां चिह्नोथी श्रतांशुनाशुन फल विषे
विस्तारपूर्वक घणी उपयोगी हकीकतनो । सुंदर अने रसिक कथा सहित समावेश करवामां आवेल ने तेमज बेवटे स्वप्नविचार संबंधी हकीकत नवी दाखल करवामां आवी जे.
आवृत्ति बीजी उपावी प्रसिद्ध करनार श्रावक नीमसिंद माणक.
निर्णयसागर प्रेस, मुंबइ. संवत् १९७० वैशाक सुदि ३ सने १९१४.
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