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________________ (LULU) वाल्युं हो नृपनुं लोकें ॥ मा० ॥ नूपति रोवे हो लां बी पोकें ॥ मा० ॥ चंपकमाला हो आवी दोमी ॥ मा० ॥ पीउने पूढे हो बेकर जोमी ॥ मा० ॥ ८ ॥ एह अ मारुं हो प्राण निपातन ॥ मा० ॥ शुं मांगयुं बे हो शो ग संतापन ॥ मा० ॥ प्रगट प्रकाशे हो रोतां मंत्री ॥ मा० ॥ कनकवतीनी हो करणी सूत्री ॥ मा० ॥ एए ॥ चंपकमाला हो नृप गल वलगी ॥ मा० ॥ दुःख पावकनी हो जाला सलगी ॥ मा० ॥ गदगद सादें हो रोवा लागी ॥ मा० ॥ करति दुःखनां हो लोक विजागी ॥ मा० ॥ १० ॥ सचिव बिदुनें हो म समजावे ॥ मा० ॥ मूयां जगमांहिं हो पाठा नावे ॥ मा० ॥ तो पण देखो हो कूप एकंती ॥ मा० ॥ जाग्यें लही यें हो जइ जीवंती ॥ मा० ॥ ११ ॥ कुत्र्या कंठे हो भूपति आव्यो | मा० ॥ जण पेसामी हो ते शोधाव्यो ॥ ॥ मा० ॥ मलया नावी हो मीटे क्यांथी ॥ मा० ॥ आशा त्रुटी हो नृपनी तिहांथी ॥ मा० ॥ १२ ॥ मं दिर पोहोतो हो मन दुःख करतो || मा० ॥ कनका धामें हो वे फिरतो ॥ मा० ॥ बार उघामी हो रा यो जांखे ॥ मा० ॥ पापिणी नाठी हो अपियें या खे ॥ मा० ॥ १३ ॥ जोवा पगलां हो किहां गए जागी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003682
Book TitleMahabal Malayasundarino Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1907
Total Pages324
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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