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बेसि एकांतें कुमरी खांतें पूंढती रे ॥ मो० ॥ कुशल खेमनी रे वात ॥ मात पितानां सुख शाता जे बती रे ॥ मो० ॥ ते कहो मुऊ अवदात ॥ १०॥ का० ॥ तव मंत्री जंपे पत्र समय तातनो रे । मो० ॥ वलि मुखी कहे एम ॥ बे बहु तुमचं मलवा मनशुं मातनो रे ॥ मो० ॥ चातक जलधर जेम ॥ ११ ॥ ॥ का० ॥ सो वातें एकण वातें मानजो रे ॥ मो० ॥ जंतु वे तुम संग ॥ मत जाणो काचुं सहि करि साधुं जाएजो रे ॥ मो० ॥ तुम यावे होशे रंग ॥ ॥ १२ ॥ का० ॥ एहवो उत्तर मंत्री पहुंत्तर दीधलो रे ॥ मो० ॥ हरखी कुमरी ताम ॥ सचिवने राजी कुमरीयें मांजी कीधलो रे || मो० ॥ देइ वधामणी उद्दाम ॥ १३ ॥ का० ॥ दंपति दोइ मुहूरत जोइ हरखयं रे ॥ मो० ॥ शोलों राणी समेत ॥ सस राने मलवा सगपण कलवा दर्षनुं रे ॥ मो० ॥ उमाह्या जनमनें खेत ॥ १४ ॥ का० ॥ श्री पति नामें वणिक सुधामें महीने रे । मो० ॥ राख्या जे पूर्वे ते जाण ॥ तेहने तेडी पूर निगेडी लहीने रे ॥ मो० ॥ सोंपी कस्यो कुन दिवाण ॥ १५ ॥ का० ॥ जरतारी मेरा यतिही घरोरा सोहता रे ॥ मो० ॥
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