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(१एए) मजार ॥ नली कही इण नाकिये, आणी मन नप गार ॥॥ तव नरपति कहे मंत्रिने, सांजल तुंकालसे न ॥ जमदरबारें जायवा, शीघ्र था तुम तेण ॥ए।
॥ ढाल बही॥ ॥ नयन हमारे लालनां ॥ए देशी ॥ तव हरखित मंत्री थयो, सानति नृपनी वात ॥ सनेही ॥ यमने में दिर जायवा, थयो नत्सुक हरवात ॥ स०॥त॥१॥ जाणे मंत्री मन्नमें, तूठा मुफ नगवान ॥ स० ॥ यम मंदिर हुँ जाश्ने, मागुं वंबित दान ॥ स॥ त॥२॥ राजी करूं श्रादेवने, लटपट करी गुण गेह ॥स॥ अमर पटोले मागीने, रमणी कधि सुदेह ॥स०॥ त॥३॥ इणिपरें मंत्री आलोचीने, सऊ थयो ति णिवार ।। स० ॥ कर जोडी कहे रायने, मंत्री वयण उदार ॥ स॥त॥ ॥ यमनो जे पडिहार , ते आवे मुफ साथ ॥ स ॥ तो जर यमने नेटीयें, न रीयें वंबित बाथ ॥ स ॥ त ॥ ५॥ तव नृप कहे पडिहारने, मुज मंत्रीले संग ॥स॥ सर्ग जुवन पद दाखवा, मेलवो यमनो रंग ॥स ॥ त० ॥६॥ करी प्रणिपत माहरी तिहां, करजो मुज अरदास ॥स॥
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