SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 144
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१४३) नोतस्यां नगरी लोक ॥ मो० ॥ नृपने पण दिये नोतलं, श्रीफल लेइ करे ढोक । मो० ॥ सा ॥ ॥३॥ हां ॥ साला करि चल चिहुँ दिशें, पंचरंगी बनात ॥ मो० ॥ जरतारी मेरा किया, के. बांधिक नात ॥ मो० ॥ सा ॥४॥ हां। नर नारीनी पांत मां, मांमधा सोवन थाल ॥ मो॥ रतन कचोलां शाकनां, मांमया काक जमाल ॥ मो० ॥सायम ॥ दां०॥ कुमर कुमारी पांतमां, तिहां पण मांमधा थाल ॥मो०॥ बार दरवाजे ज, तंउल ठवे उज माल ॥मो० ॥सा०॥६॥हा॥नोजन वेलाने समे, दरिबलें तेडां कीध ॥ मो०॥ राउ राणा नग रीजना, बेठी पांत प्रसि ॥ मो० ॥सा ॥७॥ ॥हां ॥ बयत बबीला बोगानुथा, रसिया वालम जेह ॥मो०॥ नांग अमल चढाइने, खाश्म फेरा तेह । मो० ॥ सा॥ ॥ हां०॥ प्रीसे पांतें प्रीस णां, सुखडी एकविश जाति ॥ मो० ॥ मेवा मीठी जातना, प्रीसे पांतिमा खांति ॥ मो॥सा॥ए॥ ॥ हां ॥ घेवर पेंडा मोतीया, कसमसीया कर्णसाई ॥मो॥ फरमरीया सिंह केसरी, लाखणसाइ स वाई। मो० ॥ सा॥१०॥हां ॥ सिरा मुंहाली Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003681
Book TitleHaribal Macchino Ras
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1889
Total Pages294
LanguageGujarati
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy