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(४२) सनेही क्यारे ॥ टेक॥ संत सनेही सूरिजन पाखे, राखेनधीरज देह॥क्यारे॥१॥ जन जन आगल अंतरगतनी, वातडली कहूं केदी॥
आनंदघन प्रनु वैद्य वियोगें, किम जीवे मधुमेह क्या॥॥ ॥पद बवीशमुराग आशावर॥ अवधू क्या मागुंगुनदीना, ' वेगुन गनिन प्रवीना ॥ अ० ॥
ए आंकणी॥
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