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(४३) गाय न जानुं बजाय न जानु, न जानुं सुर नेवा ॥ रीज न जानुंरीजाय न जानु, न जानुं पदसेवा ॥ ०॥१॥ वेद न जानुं किताब न जानु, जानुं न लबन बंदा ॥ तरकवाद विवाद न जानु, न जानुं कविफंदा ॥ ॥२॥ जाप न जानुं जुवाब न जानु, न जानुं कविवाता॥ नाव न जानु नगति न जानु,
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