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(३५०) धको संचार सर्व वेरी वार हे । आदर्यो संजमन्नार पंच महाव्रत सार उतारे संसारपार ज्ञानको नमार हे। ग्यारमो जिणंद सार खमगीजीव चित्त धार कहे नय वारोवार मोदको दातार हे ॥११॥ लाल केसु फूल लाल रति अर्ध रंग लाल जगतो दिणंद लाल लालचोल रंग हे । केसरीकी जीह लाल केसरको घोल लाल चूनमीको रंग लाल लाल पान रंग हे ॥ लाल कीर चंचू लाल हींगलो प्रवाल लाल कोकिलाकी दृष्टि लाल लाल धर्म रंग हे । कहे नय तेम लाल बारमो जिणंद लाल जयादेवी मात लाल लाल जाको अंग हे ॥ १॥ ऋतवमै नरिंद तणो एह नंद नृमंत सुरेंद प्रमोद धरी । गमे फुःख दंद दीये सुखवृंद
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