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( ए) विगत ममत मल॥ ऐसो झानसरथी, सुजल जर लाइये।
अजि ॥१॥ केशर सुमति घोरी, नरी नावना कचोरी॥ कर मन नोरी अंग, अंगीया रचाये ॥
अजि ॥२॥ अभय अखंड क्यारी, सिंचकें विवेक वारी॥
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