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(२१) स्वामीकी शोजा करे सारी, ते तो बाल कुमारी रे॥ जे स्वामी ते तात तेदनो, कह्यो जगत हितकारी रे॥
ऐसा ॥१॥ अष्ट दीकरी जाई बाला, ब्रह्मचारिणी नोवे रे॥ परणावी पूरणचंदाथी, एक सेज नवि सोवे रे॥
___ ऐसा ॥२॥ अष्ट कन्याका सुत वली जाये,
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