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॥ पद बीजुं॥राग मारु ॥ ॥पिया निज मदेल पधारो रे, करी करुणा महाराज ॥ए आं
कणी॥ तुम बिन सुंदर साहेबा रे, मो मन अति उःख थाय ॥ मनकीव्यथामनदींमन जानत, केम मुखथी कदेवायपिया० ॥
बाल नाव अब वीसरी रे, ग्रह्यो उचित मरजाद॥
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