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कह्या विना सुण मित्त || पिया ० ॥ ॥ ३ ॥
घर अपने वालम दो रे, को वस्तुकी खोट || फोगट तद केम लीजीयें प्यारे,
शीश नरमी पोट || पिया०॥४॥ सुनी सुमता की विनति रे, चिदानंद महाराज ॥ कुमता नेद निवारकें प्यारे, लीनो शिवपुर राज || पिया माया
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