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( १४३ )
सुण सुण निःकामी ॥ केवल कमलावास दो,
सुण सुण शुभगामी ॥ यातमा तुं चूकीश मां, साढ़ेबा तुं चूकीश मां, राजिंदा तुं चूकीश मां, अवसर लदी जी ॥ ए च्यांकण ॥॥ दृढ संतोष कामामोदसा, साधु संगत दृढ पोल दो ॥ वसे ॥ पोलियो विवेक सुजागतो,
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