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( ११६ )
||पद सडसठ मुं| राग प्राशावर ॥ राम कदो रहेमान कहो कोन, कान कहो महादेव । ॥ पारसनाथ कहो कोन ब्रह्मा,
सकल ब्रह्म स्वयमेव ॥॥रा०॥१ नाजन नेद कढावत नाना, एक मृत्तिका रूप री ॥ तैसें खंड कल्पना रोपित, आप प्रखंड सरूप री॥रा०॥२॥ निज पद रमे राम सो कढ़ियें, रहिम करे रहेमान री ॥
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