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(१००) करहुंज करदीसको॥मो॥॥ अपराधीचित्तगन जगत जन, कोरिक नांत चको॥ आनंदघन प्रनु निदचे मानो, इद जन रावरो थकोमो॥३॥
॥पद साठमुं ॥राग सारंग ॥ अब मेरे पति गतिदेव निरंजन॥
अब० ॥ नटकू कहा कहा सिर पटकू,
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