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(FORD)
जाय अनुभव जइ समजायेकंत, घर खाये आनंदघन जये वसंत ॥ प्यारे० ॥ ५ ॥
॥ पद जंगणसावसुं ॥ ॥ राग कल्याण ॥
मोकूं कोऊ केसी दूतको, मेरे काम एक प्रानजीवनसूं, और नावे सो बको ॥ मो० ॥ २ ॥ में आयो प्रभु सरन तुमारी, लागत नाहीं धको ॥ लुजन उठाय कहुं औरनसूं;
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