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(६) आनंदघन प्रनु आन मिलावो, नहितर करोधनास॥अनु॥३॥ ॥पद एकावनमुं॥राग धमाल॥ नाउँकी राति कातीसी वदे, गतीय बिन बिन ना ॥
॥नाउँ० ॥१॥ प्रीतम सब बबी निरखके हो, पीन पीन पीन कीना ॥ वाही बिच चातक करे दो, प्रान हरे परवीना नाउँ॥॥
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