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________________ ४४ ************************************** शंका-समाधान विशेष पुष्टि और शंका के विशेष समाधान के लिये कुछ और बता देना उचित है। देखिये - यह तो आप जानते ही हैं कि मुँह से वायु तो निकलती ही रहती है। उसके निकलने का कोई नियत समय तो है ही नहीं। ऐसी हालत में हमेशा मुँहपत्ति नहीं बाँधने से पूरी यत्ना किस प्रकार हो सकती है? ___ दूसरा, नहीं बाँधकर हाथ में रखने वाले भी निम्न लिखित प्रसंगों पर तो बाँधना स्वीकार करते ही हैं। देखिये - "मुँहपत्ति चर्चासार" में रत्नविजयजी गणि पृ० ४० पंक्ति ७ से लिखते हैं कि - ___ यद्यपि खास बाँधवाना प्रसंगोनुं चोक्टुं नक्की तारण कदाच आपणे न काढी शकीए तो पण सामान्य सिद्धान्त ए तारवी शक्या के ज्यारे ज्यारे बाँध्या बिना उपरना प्रयोजनो बरोबर सिद्ध न करी शकाय, त्यारे त्यारे बांधवीज जोइए, ते बाँधवाना प्रसंगोमां खास करीने नीचेनी बाबतोनो समावेश थशेः(१) स्वाध्याय - १. वाचना ५. स्थंडिल गमन २. पृच्छना ६. व्याख्यान प्रसंग ३. परावर्तना ७. धर्मकथा ४. वसति प्रमार्जन ८. मृतक ने, विगेरे, (२) पडिलेहणा - १. पात्र पडिलेहणा २. स्थापना पडिलेहणा . ३. उपधि पडिलेहणा ४. ओघानी पडिलेहणा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only... www.jainelibrary.org
SR No.003678
Book TitleMukhvastrika Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2002
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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