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________________ 4. Paumapahasami Cariyam - Ptkumar Pagariya (1998) Price 250-00 5. Arhat Parsva and Dharnendra Nexus -- Madhusudan Dhaky (1998) 6. Wall Painting of Rajasthan -- Y. K. Shukla (1990) Price 125-00 जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर स्थापना व पाठ्यक्रम : सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में संचालित यह जैनविद्या एवं प्राकृत विभाग 1978 से स्थापित है । अ. भा. साधुमार्गी जैन संघ बीकानेर एवं राज्य सरकार जयपुर के प्रारम्भिक सहयोग से विश्वविद्यालय में स्थापित इस विभाग में वर्तमान में आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम सुमन जैन, सह आचार्य डॉ. उदयचन्द जैन एवं सह आचार्य डॉ. हुकमचन्द जैन कार्यरत हैं । विगत 20 वर्षों में विभाग से अब तक बी. ए. प्राकृत के 120 एम. ए. प्राकृत के 130, एम. फिल प्राकृत के 11 एवं जैनविद्या में पीएच. डी. के 15 विद्यार्थी सफलतापूर्वक शिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। प्राकृत एवं जैनविद्या में प्रमाणपत्र एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में भी लगभग 90 विद्यार्थियों ने शिक्षण प्राप्त किया है । राज्य का यह पहला विभाग है जहाँ पर प्राकृत भाषा व साहित्य तथा जैनविद्या की सभी स्तरों के शिक्षण की व्यवस्था है । समाज में समता समानता और संवेदना तथा राष्ट्र चेतना को विकसित करने के लिए विभाग में पालि, बौद्धधर्म एवं अहिंसा प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम शीघ्र प्रारम्भ किया जा रहा है । शोध कार्य - प्रकाशन : " विभाग के प्राध्यापकों द्वारा प्राकृत एवं जैनविद्या के क्षेत्र में अब तक लगभग 150 शोधपत्रों एवं 35 स्तरीय पुस्तकों का लेखन प्रकाशन किया गया है। विभाग से पर्यावरण संतुलन एवं शाकाहार प्राकृत कथा साहित्य परिशीलन प्राकृत अपभ्रंश और संस्कृति, प्राकृत भाषा एवं साहित्य प्राकृत भारती, कुन्दकुन्द शब्दकोश जैनिज्म बुक 1 इन्ट्रोडक्शन टू प्राकृत जैन साहित्य की सांस्कृतिक भूमिका प्राकृत व्याकरण प्राकृत स्वयं शिक्षक (तृ. सं.) आदि पुस्तकें प्रकाशन में आयी हैं । प्राकृत अपभ्रंश की पाण्डुलियों के सम्पादन का कार्य भी प्राकृत और जैनधर्म का अध्ययन Jain Education International , For Private & Personal Use Only " · 29 www.jainelibrary.org
SR No.003677
Book TitlePrakrit aur Jain Dharm ka Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Suman Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2000
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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